Gita Updesh: श्रीमद्भागवत गीता में मन को स्थिर रखने का तरीका बताया गया है, जो भी इंसान इन 5 बातों को अपने जीवन में अमल में लाता है उसका मन कभी नहीं भटकता है.
1. बिना फल की चिंता किए करें काम
श्रीमद्भागवत गीता में लिखा है कि इंसान को फल की चिंता किए बिना काम करना चाहिए. जब इंसान किसी काम को बिना फल की चिंता किए करता है तो उसका मन शांत रहता है. मन ज्यादा भटकता नहीं है. इससे इंसान तनाव मुक्त नहीं रहता है.
2. बिना स्वार्थ के करें काम
गीता उपदेश में बताया गया है कि इंसान को कोई काम बिना स्वार्थ के करना चाहिए. ऐसे में अगर इंसान किसी चाहत के या किसी स्वार्थ के साथ कोई काम करता है तो उसका मन कभी शांत नहीं रहता है. उसका मन हमेशा अस्थिर रहता है.
3. सुख-दुख में एक समान भाव
सुख-दुख एक चक्र के समान है. जो कि इंसान के जीवन में आता रहता है. ऐसे में अगर इंसान सुख-दुख में एक समान भाव रखता है तो उसका मन ज्यादा नहीं भटकता है. गीता में बताया गया है कि इंसान को सुख में ज्यादा अहंकारी नहीं होना चाहिए और दुख में ज्यादा विचलित नहीं होना चाहिए.
4. ईश्वर में विश्वास रखना
श्रीमद्भागवत गीता में बताया गया है कि इंसान को ईश्वर में विश्वास रखना चाहिए. जो इंसान भगवान पर भरोसा रखता है उसका मन ज्यादा विचलित नहीं होता है.
5. ज्ञान हासिल करें
श्रीमद्भागवत गीता के अनुसार जो इंसान ज्ञान प्राप्त करने में लगा रहता है उसका मन ज्यादा नहीं भटकता है. उसका मन स्थिर रहता है.
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